भाई लोगा ने राम-राम!!!
चौपाल री हथाई अर् ई पोट्ला री हथाई में कांई फरक है आ बताण री जरूत तो कोनी पण फेर भी जमानो कितो बदलग्यो!!!
पैलां सुबह सुआणी उठता ही छापो बांचता अर् बो भी चौपाल पर सग्ला ने सुणाता पण अब भाट्टा मांय लुक अर् पोट्लो बांचा ॰॰॰
पैलां कोई हरख री बात हुती तो गलै मिलता, सग्ला ने जीमाता पण अब पोट्ला पर होले सेक "बधाई" लिख देंवा अर् बठै ही "धन्यवाद" ले लेंवा, मुंडो मीठो करण री मण म आवे तो होठा माथे जीभ फेर लैंवा ॰॰॰
दुख तो हुवे पण काईं कर सका, जमाणा रे लारे भागणो ही पड़सी ॰॰॰
जमानो कितो बदलग्यो!!!
आ हुई नी बात. लिखता रह्यो.